Sam Bahadur Movie Review :विक्की कौशल उरी जैसा रंग ज़माने में रहे असफल!

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Sam Bahadur Movie Review

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Sam Bahadur Movie Review:आज हम विक्की कौशल की फिल्म सैम बहादुर का रिव्यू करेंगे। फिल्म की लेंथ दो घंटे 30 मिनट है। नाउ टाइम्स ने फिल्म को 5 में से 2.5 स्टार रेटिंग दी है।

Sam Bahadur Movie Review-फिल्म की कहानी क्या है?

यह फिल्म मुख्यतः 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग में विजय दिलाने वाले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के जीवन पर आधारित है। फिल्म की शुरुआत में ही पता चल जाता है कि उन्हें सैम बहादुर नाम कहां से मिला। दरअसल, उन्हें 8वीं गोरखा राइफल्स के सैनिकों द्वारा ‘बहादुर’ उपनाम दिया गया था।

फिल्म में सैम बहादुर की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को दिखाने की कोशिश की गई है। सैम मानेकशॉ जिनकी वीर गाथाओं के साथ-साथ उनकी शरारतों और मजाक के कई किस्से आज भी बेहद मशहूर हैं। वे एक ऐसे आर्मी चीफ थे, जो तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की बात काटने से भी नहीं डरते थे। इतना ही नहीं, वे इंदिरा गांधी को स्वीटी तक कहते थे। ये सारी बातें फिल्म में भी दिखाई गई हैं।Sam Bahadur Movie Review

इस फिल्म में पाकिस्तान के उस वक्त के आर्मी जनरल और बाद में पीएम बन ने वाले याह्या खान के साथ सैम मानेकशॉ के रिश्ते को भी फिल्म में अनूठे तरीके से दिखाया गया है। पर्सनली दोनों के बीच दोस्ती थी, लेकिन जंग के मैदान में दोनों एक दूसरे को जानी दुश्मन समझते थे।

Sam Bahadur Movie Review-फिल्म का डायरेक्शन कैसा है?

इस फिल्म का डायरेक्शन मेघना गुलजार  किया है। उन्होंने फिल्म का सब्जेक्ट तो शानदार और मजबूत चुना है। हालांकि इतने लीजेंड्री इंसान की असल कहानी को ढाई घंटे में समेटने के चक्कर में फिल्म अपनी फील खो देती है। एक महान सेना के अफसर की कहानी को एक औसत फिल्मी कहानी जैसे समेट दिया गया है।

स्क्रीनप्ले और एडिटिंग में बहुत ज्यादा गड़बड़ी दिखाई देती है। फिल्म की शुरुआत तेज गति से होती है लेकिन कुछ ही देर में बहुत स्लो लगने लगती है। फिल्म में पंच लाइन्स की कमी है। जितने भी थे वो सिर्फ ट्रेलर तक की सीमित थे।

फिल्म में कुछ-कुछ सीन्स ओवर दिखा दिए गए हैं। जैसे प्रधानमंत्री और देश के रक्षा मंत्री के साथ इतने कैजुअल अंदाज में बातचीत करना थोड़ा अजीब लगता है।

Sam Bahadur Movie Review-स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?

सैम मानेकशॉ के हावभाव को विक्की कौशल ने पकड़ने की कोशिश तो की है, लेकिन उनकी एक्टिंग में वो बात नहीं नजर आती। फिल्म उरी :द सर्जिकल स्ट्राइक में मेजर विहान सिंह शेरगिल और सरदार उधम सिंह के किरदार को विक्की ने जिस सहज अंदाज में निभाया था, यहां कहीं न कहीं वे असफल होते दिखे हैं। ऐसा लगा कि वे इस रोल में ढलने के लिए ज्यादा जोर देने की कोशिश करते हैं। पूरी फिल्म में ऐसा लगता है कि विक्की सैम मानेकशॉ की मिमिक्री कर रहे हैं। वे सैम मानेकशॉ नहीं बल्कि देव आनंद की तरह ज्यादा दिख रहे हैं।

सैम मानेकशॉ की पत्नी सिल्लू के रोल में सान्या मल्होत्रा ने ठीक-ठाक एक्टिंग की है, लेकिन वे भी खास प्रभाव नहीं छोड़ पाईं। वहीं इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही फातिमा सना शेख, इस फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी लगती हैं। उनका मेकअप और लुक तो खराब है ही, एक्टिंग के मामले में भी वे निराश करती हैं।

Sam Bahadur Movie Review-फिल्म के गाने कैसे हैं?

देश भक्ति और वीरगाथा से लिप्त इस फिल्म में सारे अच्छे है और गाने कहानी को और भी मजबूत करते लेकिन, फिल्म के गाने ना तो देशभक्ति की भावना और ना ही इमोशंस जगा पाने में सफल होते है

Sam Bahadur Movie Review-फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?

जो लोग सैम मानेकशॉ की गौरव गाथा को नहीं जानते, वो इस फिल्म के लिए जा सकते हैं। बाकी देशभक्ति वाली फिल्मों के फैन हैं, तो एक बार इसे देख सकते हैं।

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